तारीक है रात और दुनिया ज़ख़्ख़ार
तूफ़ान बपा है और कश्ती बे-कार
घबराइयो मत कि है मदद-गार ख़ुदा
हिम्मत है तो जा लगाओ खेवा उस पार
Rahat Indori
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Wasi Shah
Gulzar
Javed Akhtar
Allama Iqbal
Parveen Shakir
Faiz Ahmad Faiz
Jaun Eliya
Habib Jalib
Ahmad Faraz
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होती नहीं फ़िक्र से कोई अफ़्ज़ाइश
तेज़ी नहीं मिनजुमला-ए-औसाफ़-ए-कमाल
एक वक़्त में एक काम
या-रब कोई नक़्श-ए-मुद्दआ भी न रहे
अपने ही दिल अपनों का दुखाते हैं बहुत
दुनिया के लिए हैं सब हमारे धंदे
चिड़िया के बच्चे
जब गू-ए-ज़मीं ने उस पे डाला साया
नक़्क़ाश से मुमकिन है कि हो नक़्श ख़िलाफ़
बा-ईं हमा-सादगी है पुरकारी भी
रात
इंसाँ को चाहिए न हिम्मत हारे