आदम को ये तोहफ़ा ये हदिया न मिला
ऐसा तो किसी बशर को पाया न मिला
अल्लाह-री लताफ़त-ए-तन-ए-पाक-ए-रसूल
ढूँडा किया आफ़्ताब साया न मिला
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Habib Jalib
Wasi Shah
Rahat Indori
Gulzar
Jaun Eliya
Allama Iqbal
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1218) Peoples Rate This
हर-चंद कि ख़स्ता ओ हज़ीं है आवाज़
दुख में हर शब कराहता हूँ या-रब
ज़ाहिर वही उल्फ़त के असर हैं अब तक
कुछ मुल्क-ए-अदम में रंज का नाम न था
अब वक़्त-ए-सुरूर- ओ फ़रहत-अंदोज़ी है
ऐ बख़्त-ए-रसा सू-ए-नजफ़ राही कर
ऐ मोमिनो फ़ातिमा का प्यारा शब्बीर
ग़फ़लत में न खो उम्र कि पछताएगा
अब गर्म ख़बर मौत के आने की है
रुत्बा जिसे दुनिया में ख़ुदा देता है
आला रुत्बे में हर बशर से पाया
अख़्तर से भी आबरू में बेहतर है ये अश्क