मुनव्वर राना कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुनव्वर राना (page 2)
नाम | मुनव्वर राना |
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अंग्रेज़ी नाम | Munawwar Rana |
जन्म की तारीख | 1952 |
जन्म स्थान | Lucknow |
एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है
देखना है तुझे सहरा तो परेशाँ क्यूँ है
दौलत से मोहब्बत तो नहीं थी मुझे लेकिन
दौलत से मोहब्बत तो नहीं थी मुझे लेकिन
चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है
भले लगते हैं स्कूलों की यूनिफार्म में बच्चे
बच्चों की फ़ीस उन की किताबें क़लम दवात
ऐ ख़ाक-ए-वतन तुझ से मैं शर्मिंदा बहुत हूँ
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
अब आप की मर्ज़ी है सँभालें न सँभालें
आते हैं जैसे जैसे बिछड़ने के दिन क़रीब
उकताए हुए बदन
सफ़ेद सच
पत्थर के होंट
मेरे स्कूल
लिपस्टिक
ख़ुद-कलामी
भिकारी
अड़े कबूतर उड़े ख़याल
आख़िरी सच
ये सर-बुलंद होते ही शाने से कट गया
ये हिज्र का रस्ता है ढलानें नहीं होतीं
ये दरवेशों की बस्ती है यहाँ ऐसा नहीं होगा
ये बुत जो हम ने दोबारा बना के रक्खा है
वो बिछड़ कर भी कहाँ मुझ से जुदा होता है
थकन को ओढ़ के बिस्तर में जा के लेट गए
सारी दौलत तिरे क़दमों में पड़ी लगती है
सहरा-पसंद हो के सिमटने लगा हूँ मैं
सहरा पे बुरा वक़्त मिरे यार पड़ा है
फिर से बदल के मिट्टी की सूरत करो मुझे