पूछते हैं कि क्या हुआ दिल को
हुस्न वालों की सादगी न गई
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मैं और बादल
मैं और मेरा ख़ुदा
मैं
मैं और शहर
रिदा उस चमन की उड़ा ले गई
शहर का तब्दील होना शाद रहना और उदास
मैं और वो
घटा देख कर ख़ुश हुईं लड़कियाँ
देखे हुए से लगते हैं रस्ते मकाँ मकीं
तुझ से बिछड़ कर क्या हूँ मैं अब बाहर आ कर देख
हर्फ़ सादा-ओ-रंगीं
मैं, वो और रात