Nazam Poetry (page 156)
हिज्र-ज़ाद
आफ़ताब इक़बाल शमीम
दीवार-ए-चीन
आफ़ताब इक़बाल शमीम
वतन का राग
अफ़सर मेरठी
ज़ुल्मात
अफ़रोज़ आलम
तलाश
अफ़रोज़ आलम
तख़्लीक़
अफ़रोज़ आलम
शुऊ'र-ए-दिल से
अफ़रोज़ आलम
समय
अफ़रोज़ आलम
पल-दो-पल
अफ़रोज़ आलम
मोहब्बत
अफ़रोज़ आलम
ख़याल
अफ़रोज़ आलम
दवाम
अफ़रोज़ आलम
बे-क़रारी
अफ़रोज़ आलम
अक्स-बर-अक्स
अफ़रोज़ आलम
वो मर गई थी
आदिल मंसूरी
वक़्त की रेत पे
आदिल मंसूरी
वक़्त की पीठ पर
आदिल मंसूरी
वालिद के इंतिक़ाल पर
आदिल मंसूरी
उफ़ुक़ की हथेली से सूरज न उभरे
आदिल मंसूरी
टूटी लज़्ज़त की ख़ुशबू
आदिल मंसूरी
तिलिस्मी ग़ार का दरवाज़ा
आदिल मंसूरी
तंहाई
आदिल मंसूरी
तंग तारीक गली में कुत्ता
आदिल मंसूरी
सियाह सायों की तिश्नगी में
आदिल मंसूरी
सियाह चाँद के टुकड़ों को मैं चबा जाऊँ
आदिल मंसूरी
सितारा सो गया है
आदिल मंसूरी
शुऊर नीली रुतूबतों में उलझ गया है
आदिल मंसूरी
सातवीं पिसली में पीली चाँदनी
आदिल मंसूरी
सफ़ेद रात से मंसूब है लहू का ज़वाल
आदिल मंसूरी
साए की पिसली से निकला है जिस्म तिरा
आदिल मंसूरी