बच्चे ने तितली पकड़ कर छोड़ दी
आज मुझ को भी ख़ुदा अच्छा लगा
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चलते चलते मैं उस को घर ले आया
उस ने ख़त में भेजे हैं
प्याले में जो पानी है
जब खुला बादबान हाथों में
बरस रही थी बारिश बाहर
यूँ तुझे देख के चौंक उठती हैं सोई यादें
ख़्वाब क्या था जो मिरे सर में रहा
जब वो साथ होता है
आज दरीचे में वो आना भूल गया
रंग लाई है हसरत-ए-तामीर
जागते हैं सोते हैं