रशीद लखनवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रशीद लखनवी (page 2)
नाम | रशीद लखनवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Rasheed Lakhnavi |
जन्म की तारीख | 1846 |
मौत की तिथि | 1917 |
जन्म स्थान | Lucknow |
जुनूँ की फ़स्ल आई बढ़ गई तौक़ीर पत्थर की
जोश-ए-वहशत मेरे तलवों को ये ईज़ा भी सही
जो मुझे मर्ग़ूब हो वो सोगवारी चाहिए
जो हवा है सूरत-ए-बाद-ए-मुख़ालिफ़ तेज़ है
जिस को आदत वस्ल की हो हिज्र से क्यूँकर बने
जब से सुना दहन तिरे ऐ माह-रू नहीं
हम अजल के आने पर भी तिरा इंतिज़ार करते
हिज्र है अब था यहीं में ज़ार हम पहलू-ए-दोस्त
है बे-ख़ुद वस्ल में दिल हिज्र में मुज़्तर सिवा होगा
है अंधेरा तो समझता हूँ शब-ए-गेसू है
हाए शर्म-ए-दिलबरी उस दिलरुबा के हाथ है
गर्म रफ़्तार है तेरी ये पता देते हैं
गर्दिश-ए-चश्म है पैमाने में
दिला मा'शूक़ जो होता है वो सफ़्फ़ाक होता है
दिल हमारा जानिब-ए-ज़ुल्फ़-ए-सियह-फ़ाम आएगा
डर नहीं थूकते हैं ख़ून जो दुख पाए हुए
दम-ए-रफ़्तार-ए-जानाँ ये सदा-ए-नाज़ आती है
बाग़ में जुगनू चमकते हैं जो प्यारे रात को
बढ़ा ये शक कि ग़ैरों कि तन में आग लगी
अगर गुल की कोई पती झड़ी है
अगर दिला ग़म-ए-गेसू-ए-यार बढ़ जाता
आप दिल जा कर जो ज़ख़्मी हो तो मिज़्गाँ क्या करे