दिल की धड़कन के पयामात से डर जाते हैं
उम्र ऐसी है कि हर बात से डर जाते हैं
ख़ुश्क पत्तो न गिरो ठहरे रहो शाख़ों पर
वो अँधेरों की मुलाक़ात से डर जाते हैं
Anwar Masood
Rahat Indori
Javed Akhtar
Faiz Ahmad Faiz
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Habib Jalib
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Jaun Eliya
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मुझ को तो आप मिरे ख़्वाब में मिल जाएँगे
ख़्वाबों से न जाओ कि अभी रात बहुत है
आँखों के गुलाबों को नज़्मों में छुपा लूँगा
इस तरह दिल में शब-ए-तन्हाई
तन्हाई
आज की रात
इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है
दिन गुज़रता है उन की यादों में
ख़्वाब
अब उठाओ नक़ाब आँखों से
हुस्न-ए-बे-पर्दा की यलग़ार लिए बैठे हैं
वो सर-ए-शाम बाम पर आए