'सदा' के पास है दुनिया का तजरबा वाइज़
तुम्हारी बात में बस फ़ल्सफ़ा किताब का है
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मोहब्बत के मरीज़ों का मुदावा है ज़रा मुश्किल
ज़ुल्फ़ लहरा के फ़ज़ा पहले मोअत्तर कर दे
तुम सितारों के भरोसे पे न बैठे रहना
हमें न रास ज़माने की महफ़िलें आई
इक न इक रोज़ रिफ़ाक़त में बदल जाएगी
क्यूँ सदा पहने वो तेरा ही पसंदीदा लिबास
लोग कहते हैं दिल लगाना जिसे
वक़्त के साथ 'सदा' बदले तअल्लुक़ कितने
यूँ तो इक उम्र साथ साथ हुई
अब कहाँ दोस्त मिलें साथ निभाने वाले
बड़ा घाटे का सौदा है 'सदा' ये साँस लेना भी