सैफ़ुद्दीन सैफ़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सैफ़ुद्दीन सैफ़ (page 3)
नाम | सैफ़ुद्दीन सैफ़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Saifuddin Saif |
जन्म की तारीख | 1922 |
मौत की तिथि | 1993 |
जन्म स्थान | Lahore |
कितना बेकार तमन्ना का सफ़र होता है
खोया पाने वालों ने
खोल कर इन सियाह बालों को
जी दर्द से है निढाल अपना
जैसे दरिया में गुहर बोलता है
जब वज्ह-ए-सुकून-ए-जाँ ठहर जाए
जब तसव्वुर में न पाएँगे तुम्हें
हम को तो गर्दिश-ए-हालात पे रोना आया
हसीन रातों जमील तारों की याद सी रह गई है बाक़ी
हमें ख़बर है वो मेहमान एक रात का है
ग़म-ए-दिल किसी से छुपाना पड़ेगा
गरचे सौ बार ग़म-ए-हिज्र से जाँ गुज़री है
एक उदासी दिल पर छाई रहती है
एक से एक है ग़ारत-गर-ए-ईमान यहाँ
दिलों को तोड़ने वालो तुम्हें किसी से क्या
दर-पर्दा जफ़ाओं को अगर जान गए हम
छुप छुप के अब न देख वफ़ा के मक़ाम से
चाँदनी रात बड़ी देर के बा'द आई है
चैन अब मुझ को तह-ए-दाम तो लेने देते
बे-ख़ुदी ले उड़ी हवास कहीं
बड़े ख़तरे में है हुस्न-ए-गुलिस्ताँ हम न कहते थे
अब वो सौदा नहीं दीवानों में
आए थे उन के साथ नज़ारे चले गए