तस्कीन-ए-विसाल ओ रंज-ए-फ़ुर्क़त क्या है
क्या है ये कशाकश-ए-मोहब्बत क्या है
ऐ राज़-ए-हयात के समझने वालो
इंसान के क़ल्ब की हक़ीक़त क्या है
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
Habib Jalib
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Gulzar
Allama Iqbal
Wasi Shah
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सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई
यूँ कौन सी चीज़ है जो दुनिया में नहीं
अफ़्साना-ए-ग़म है शादमानी मेरी
ख़ामोशी कलाम हो गई है
सब सब्र-ओ-शकेब-ओ-होश खो देता हूँ
किस ने ग़म के जाल बिखेरे
नाला-ए-सबा तन्हा फूल की हँसी तन्हा
वो थे पहलू में और थी चाँदनी रात
वो वुसअतें थीं दिल में जो चाहा बना लिया
वो हुस्न को जल्वा-गर करेंगे
सायों से लिपट रहे थे साए
ये आज आए हैं किस अजनबी से देस में हम