इन फ़लक जा इमारतों पे न जा
इन की बुनियाद में मिलावट है
यूँ तो हर चीज़ है यहाँ ख़ालिस
लेकिन औलाद में मिलावट है
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Jaun Eliya
Allama Iqbal
Gulzar
Wasi Shah
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
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तूफ़ाँ नहीं गुज़रे कि बयाबाँ नहीं गुज़रे
ज़िंदगी है मुख़्तलिफ़ जज़्बों की हमवारी का नाम
तजर्बात-ए-तल्ख़ ने हर-चंद समझाया मुझे
हुस्न को ग़ायत-ए-नज़र जाना
साहब की बिपता
बहन की इल्तिजा माँ की मोहब्बत साथ चलती है
उधार
इक रेल के सफ़र की तस्वीर खींचता हूँ
अगर हम दश्त-ए-जुनूँ में न ग़ज़ल-ख़्वाँ होते
मेरी बीवी क़ब्र में लेटी है जिस हंगाम से
मुझ से मत कर यार कुछ गुफ़्तार मैं रोज़े से हूँ
हम ने कितने धोके में सब जीवन की बर्बादी की