मुझ से मत कर यार कुछ गुफ़्तार मैं रोज़े से हूँ
मुझ से मत कर यार कुछ गुफ़्तार मैं रोज़े से हूँ
हो न जाए तुझ से भी तकरार मैं रोज़े से हूँ
हर किसी से कर्ब का इज़हार मैं रोज़े से हूँ
दो किसी अख़बार को ये तार मैं रोज़े से हूँ
मेरा रोज़ा इक बड़ा एहसान है लोगो के सर
मुझ को डालो मोतिए के हार मैं रोज़े से हूँ
मैं ने हर फ़ाइल की दुमची पर ये मिसरा लिख दिया
काम हो सकता नहीं सरकार मैं रोज़े से हूँ
ऐ मिरी बीवी मिरे रस्ते से कुछ कतरा के चल
ऐ मिरे बच्चो ज़रा होश्यार मैं रोज़े से हूँ
शाम को बहर-ए-ज़ियारत आ तो सकता हूँ मगर
नोट कर लें दोस्त रिश्ते-दार मैं रोज़े से हूँ
तू ये कहता है लहन-तर हो कोई ताज़ा ग़ज़ल
मैं ये कहता हूँ कि बर-ख़ुरदार मैं रोज़े से हूँ
(676) Peoples Rate This