किसी के इश्क़ का ये मुस्तक़िल आज़ार क्या कहना

किसी के इश्क़ का ये मुस्तक़िल आज़ार क्या कहना

मुबारक हो दिल-महज़ूँ तिरा ईसार क्या कहना

न करते इल्तिजा दीदार की मूसा तो क्या करते

चला आता है कब से वादा-ए-दीदार क्या कहना

वही करता हूँ जो कुछ लिख चुके मेरे मुक़द्दर में

मगर फिर भी हूँ अपने फ़ेल का मुख़्तार क्या कहना

क़दम उठते ही दिल पर इक क़यामत बीत जाती है

दम-ए-गुलगश्त उस की शोख़ी-ए-रफ़्तार क्या कहना

शब-ए-हिज्राँ पे मेरी रश्क आता है सितारों को

भरम तुझ से है मेरा दीदा-ए-बेदार क्या कहना

तिरे नग़मों से 'वासिफ़' अहल-ए-दिल मसरूर होते हैं

ब-ईं अफ़्सुर्दगी रंगीनी-ए-गुफ़्तार क्या कहना

(538) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Wasif Dehlvi. is written by Wasif Dehlvi. Complete Poem in Hindi by Wasif Dehlvi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.