ऐ शैख़ कंघा करना नहीं ज़ेब देता यूँ
दाढ़ी में तू कभी कोई तिनका भी छोड़ दे
हर वक़्त अपनी बीवी को रख साथ तू मगर
''लेकिन कभी कभी उसे तन्हा भी छोड़ दे''
Anwar Masood
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
Ahmad Faraz
Mohsin Naqvi
Wasi Shah
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Allama Iqbal
Rahat Indori
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ये मंज़र देख कर बीवी ने काटा अपने शौहर को
किसी से दिल लगाने में बड़ी तकलीफ़ होती है
ये कहते हैं सभी इस दौर में हर काम मुमकिन है
मर जाए मौलवी तो फ़क़त होगी फ़ातिहा
सिलसिले ऊँचे ख़यालात से जोड़े हम ने
दिया नींद ने ऐसा आँखों को धोका
कहानी इश्क़-ओ-मोहब्बत की ख़त्म पर आई
इश्क़ में सब्र आ गया 'आसिम'
क़ातिल तो क़त्ल कर के कभी का निकल गया
चाँद पर पहुँचा कोई झाँका कोई मिर्रीख़ में
मेरी बीवी ने बना रक्खी है फुटबॉल की टीम
हाथ में पापड़ लिए बैठा था मैं