नौ-जवानों का क़बीला उस के पीछे चल पड़ा
जुर्म कर के भागने वाला मिसाली हो गया
Ahmad Faraz
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Habib Jalib
Javed Akhtar
Gulzar
Parveen Shakir
Wasi Shah
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
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ख़ुद को पाया था न खोया मैं ने
पस-ए-ख़याल हूँ कितना ज़ुहूर कितना हूँ
चाँद में दरवेश है जुगनू में जोगी
मैं फ़तह-ए-ज़ात मंज़र तक न पहुँचा
एक बच्चा ज़ेहन से पैसा कमाने की मशीन
यहाँ हर लफ़्ज़ मअनी से जुदा है
अल्लाह वाला एक क़बीला मेरी निस्बत
लफ़्ज़ों की दस्तरस में मुकम्मल नहीं हूँ मैं
ज़माना हो गया है ख़्वाब देखे
मैं ने भी बच्चों को अपनी निस्बत से आज़ाद किया
है वाहिमों का तमाशा यहाँ वहाँ देखो
बाहर इंसानों से नफ़रत है लेकिन