Sad Poetry of Ahsan Marahravi
नाम | अहसन मारहरवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahsan Marahravi |
जन्म की तारीख | 1876 |
मौत की तिथि | 1940 |
जन्म स्थान | Aligarh |
तमाम उम्र इसी रंज में तमाम हुई
शेख़ को जन्नत मुबारक हम को दोज़ख़ है क़ुबूल
मुझे ख़बर नहीं ग़म क्या है और ख़ुशी क्या है
मौत ही आप के बीमार की क़िस्मत में न थी
क्यूँ चुप हैं वो बे-बात समझ में नहीं आता
किसी माशूक़ का आशिक़ से ख़फ़ा हो जाना
किसी को भेज के ख़त हाए ये कैसा अज़ाब आया
हम अपनी बे-क़रारी-ए-दिल से हैं बे-क़रार
हालत दिल-ए-बेताब की देखी नहीं जाती
एक दिल है एक हसरत एक हम हैं एक तुम
तुम्हारी लन-तरानी के करिश्मे देखे-भाले हैं
सो हश्र में लिए दिल-ए-हसरत मआब में
मुतमइन अपने यक़ीं पर अगर इंसाँ हो जाए
मुझे ख़बर नहीं ग़म क्या है और ख़ुशी क्या है
क्यूँ चुप हैं वो बे-बात समझ में नहीं आता
क्या ज़रूरत बे-ज़रूरत देखना
कशिश-ए-हुस्न की ये अंजुमन-आराई है
जब तक अपने दिल में उन का ग़म रहा
इश्क़ करते हैं तो अहल-ए-इश्क़ यूँ सौदा करें
इक नज़र में दर्द खो देना दिल-ए-बीमार का
चाहिए इश्क़ में इस तरह फ़ना हो जाना
बाहम जो हुस्न ओ इश्क़ में याराना हो गया
ऐ दिल न सुन अफ़्साना किसी शोख़ हसीं का
अदा में बाँकपन अंदाज़ में इक आन पैदा कर