यूँ तो सय्यद भी हो मिर्ज़ा भी हो अफ़्ग़ान भी हो
तुम सभी कुछ हो बताओ मुसलमान भी हो
Javed Akhtar
Jaun Eliya
Habib Jalib
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Gulzar
Wasi Shah
Parveen Shakir
Allama Iqbal
Rahat Indori
Anwar Masood
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यही आदम है सुल्ताँ बहर-ओ-बर का
महीने वस्ल के घड़ियों की सूरत उड़ते जाते हैं
नानक
ज़माना अक़्ल को समझा हुआ है मिशअल-ए-राह
परेशाँ कारोबार-ए-आश्नाई
गर्म-ए-फ़ुग़ाँ है जरस उठ कि गया क़ाफ़िला
बुतों से तुझ को उमीदें ख़ुदा से नौमीदी
आलम-ए-आब-ओ-ख़ाक-ओ-बाद सिर्र-ए-अयाँ है तू कि मैं
हमदर्दी
सितारा क्या मिरी तक़दीर की ख़बर देगा
इबलीस की मजलिस-ए-शूरा