इधर से लिया कुछ उधर से लिया
यूँही चल रहे हैं इदारे तिरे
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दुनिया भी अजब क़ाफ़िला-ए-तिश्ना-लबाँ है
दुआ
थुरू-प्रॉपर चैनल
जौहर ओ जवाहिर
यही तो दोस्तो ले दे के मेरा बिज़नेस है
एजाज़-ए-इज्ज़
ऐ दिल-ए-नादाँ किसी का रूठना मत याद कर
कब ज़िया-बार तिरा चेहरा-ए-ज़ेबा होगा
दरमियाँ गर न तिरा वादा-ए-फ़र्दा होता
सोचता हूँ कि बुझा दूँ मैं ये कमरे का दिया
घर