Love Poetry of Arif Shafiq

Love Poetry of Arif Shafiq
नामआरिफ़ शफ़ीक़
अंग्रेज़ी नामArif Shafiq
जन्म की तारीख1956

तुझे मैं ज़िंदगी अपनी समझ रहा था मगर

अंधे अदम वजूद के गिर्दाब से निकल

'आरिफ़'-हुसैन धोका सही अपनी ज़िंदगी

तू ज़मीं पर है कहकशाँ जैसा

कैसा मातम कैसा रोना मिट्टी का

जो अपनी ख़्वाहिशों में तू ने कुछ कमी कर ली

जब भी दुश्मन बन के इस ने वार किया

हमें नज़दीक कब दिल की मोहब्बत खींच लाती है

दोज़ख़ भी क्या गुमान है जन्नत भी है फ़रेब

अंधे अदम वजूद के गिर्दाब से निकल

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