Islamic Poetry of Asad Badayuni

Islamic Poetry of Asad Badayuni
नामअसअ'द बदायुनी
अंग्रेज़ी नामAsad Badayuni
जन्म की तारीख1952
मौत की तिथि2003
जन्म स्थानAligarh

वहाँ भी मुझ को ख़ुदा सर-बुलंद रखता है

ये लोग ख़्वाब बहुत कर्बला के देखते हैं

ये धूप छाँव के असरार क्या बताते हैं

वक़्त इक दरिया है दरिया सब बहा ले जाएगा

सुख़न-वरी का बहाना बनाता रहता हूँ

शाख़ से फूल से क्या उस का पता पूछती है

रास्ता कोई सफ़र कोई मसाफ़त कोई

मिरे लोग ख़ेमा-ए-सब्र में मिरे शहर गर्द-ए-मलाल में

कहते हैं लोग शहर तो ये भी ख़ुदा का है

जिसे न मेरी उदासी का कुछ ख़याल आया

हवा के पास बस इक ताज़ियाना होता है

हवा हवस के इलाक़े दिखा रही है मुझे

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