हम ने सब को मुफ़्लिस पा के तोड़ दिया दिल का कश्कोल
हम को कोई क्या दे देगा क्यूँ मुँह-देखी बात करें
Jaun Eliya
Rahat Indori
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
Anwar Masood
Gulzar
Mir Taqi Mir
Habib Jalib
Parveen Shakir
Wasi Shah
Allama Iqbal
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ख़ुद में उतरूँगी तो मैं भी लापता हो जाऊँगी
मैं भी साहिल की तरह टूट के बह जाती हूँ
हम कोई नादान नहीं कि बच्चों की सी बात करें
जिन को दीवार-ओ-दर भी ढक न सके
टटोलता हुआ कुछ जिस्म ओ जान तक पहुँचा
शिव तो नहीं हम फिर भी हम ने दुनिया भर के ज़हर पिए
उस की हर बात समझ कर भी मैं अंजान रही
अपनी हस्ती का कुछ एहसास तो हो जाए मुझे
धूप मेरी सारी रंगीनी उड़ा ले जाएगी
हम हैं एहसास के सैलाब-ज़दा साहिल पर
मेरे हालात ने यूँ कर दिया पत्थर मुझ को
मैं उस की बात के लहजे का ए'तिबार करूँ