हाए वो बातें जो कह सकते नहीं
और तन्हाई में दोहराते हैं हम
Gulzar
Allama Iqbal
Javed Akhtar
Habib Jalib
Mohsin Naqvi
Rahat Indori
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Anwar Masood
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(815) Peoples Rate This
तारे दर्द के झोंके बन कर आते हैं
तेरी हर बात पे चुप रहते हैं
यूँ भी होने का पता देते हैं
इस बदलते हुए ज़माने में
ऐसा वार पड़ा सर का
दिल की दीवार गिर गई शायद
एक दीवार उठाने के लिए
तुम ज़माने की राह से आए
जुनूँ की राख से मंज़िल में रंग क्या आए
क्या पता हम को मिला है अपना
दिल में जब बात नहीं रह सकती