एक हालत थी मिरी और एक हालत दिल की थी
मेरी हालत तो वही है दिल की वो हालत गई
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नास्टैल्जिया
तिरी तलाश में निकला तो रास्ता हुआ मैं
मुश्किल
शफ़क़ से बाम-ए-फ़लक लाला-गूँ भी होता है
ज़मीं नई थी अनासिर की ख़ू बदलती थी
रिस रहा है मुद्दत से कोई पहला ग़म मुझ में
अजीब ढंग से तक़सीम-ए-कार की उस ने
हमारी ख़ाक तबर्रुक समझ के ले जाओ
दीवार-ए-काबा 19 नवम्बर 1989
मेरी एक बुरी आदत थी
इक दिखावा रह गया बस दिल से वो चाहत गई