शिकस्त-ए-दिल की हर आवाज़ हश्र-आसार होती है
शिकस्त-ए-दिल की हर आवाज़ हश्र-आसार होती है
मगर सोई हुई दुनिया कहाँ बेदार होती है
(753) Peoples Rate This
शिकस्त-ए-दिल की हर आवाज़ हश्र-आसार होती है
मगर सोई हुई दुनिया कहाँ बेदार होती है
(753) Peoples Rate This