Heart Broken Poetry of Gulnar Aafreen

Heart Broken Poetry of Gulnar Aafreen
नामगुलनार आफ़रीन
अंग्रेज़ी नामGulnar Aafreen
जन्म की तारीख1942
जन्म स्थानKarachi

वो चराग़-ए-ज़ीस्त बन कर राह में जलता रहा

सफ़र का रंग हसीं क़ुर्बतों का हामिल हो

हम सर-ए-राह-ए-वफ़ा उस को सदा क्या देते

हमें भी अब दर ओ दीवार घर के याद आए

एक परछाईं तसव्वुर की मिरे साथ रहे

एक आँसू याद का टपका तो दरिया बन गया

दिल का हर ज़ख़्म तिरी याद का इक फूल बने

याद करने का तुम्हें कोई इरादा भी न था

वो चराग़-ए-ज़ीस्त बन कर राह में जलता रहा

शायद अभी कमी सी मसीहाइयों में है

न साथ देगा कोई राह आश्ना मेरा

न पूछ ऐ मिरे ग़म-ख़्वार क्या तमन्ना थी

हमारा नाम पुकारे हमारे घर आए

दिल ने इक आह भरी आँख में आँसू आए

आँसू भी वही कर्ब के साए भी वही हैं

आँख में अश्क लिए ख़ाक लिए दामन में

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