Ghazals of Haqeer
नाम | हक़ीर |
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अंग्रेज़ी नाम | Haqeer |
कविताएं
Ghazal 10
Couplets 22
Love 12
Sad 9
Heart Broken 12
Bewafa 3
Hope 5
Friendship 4
Islamic 6
ख्वाब 1
Sharab 3
तिफ़्ली पीरी ओ नौजवानी हेच
साक़िया ऐसा पिला दे मय का मुझ को जाम तल्ख़
ना-तवाँ वो हूँ कि दम भर नहीं बैठा जाता
किस की उस तक रसाई होती है
काबा-ए-दिल को अगर ढाइएगा
जानता उस को हूँ दवा की तरह
हमारी वो वफ़ादारी कि तौबा
दुश्मन हैं वो भी जान के जो हैं हमारे लोग
बहार आई है सदमे से हमारा हाल अबतर है
ऐ यास जो तू दिल में आई सब कुछ हुआ पर कुछ भी न हुआ