Baarish Poetry of Iqbal Ashhar

Baarish Poetry of Iqbal Ashhar
नामइक़बाल अशहर
अंग्रेज़ी नामIqbal Ashhar
जन्म की तारीख1965
जन्म स्थानDelhi

सताया आज मुनासिब जगह पे बारिश ने

प्यास दरिया की निगाहों से छुपा रक्खी है

ले गईं दूर बहुत दूर हवाएँ जिस को

सिलसिला ख़त्म हुआ जलने जलाने वाला

रात का पिछ्ला पहर कैसी निशानी दे गया

प्यास के बेदार होने का कोई रस्ता न था

प्यास दरिया की निगाहों से छुपा रक्खी है

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