Heart Broken Poetry of Iqbal Ashhar
नाम | इक़बाल अशहर |
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अंग्रेज़ी नाम | Iqbal Ashhar |
जन्म की तारीख | 1965 |
जन्म स्थान | Delhi |
कविताएं
Ghazal 16
Nazam 1
Couplets 20
Love 20
Sad 20
Heart Broken 19
Bewafa 2
Hope 8
Friendship 3
Islamic 2
देशभक्तिपूर्ण 2
बारिश 7
ख्वाब 8
वो किसी को याद कर के मुस्कुराया था उधर
ठहरी ठहरी सी तबीअत में रवानी आई
न जाने कितने चराग़ों को मिल गई शोहरत
किसी को खो के पा लिया किसी को पा के खो दिया
जो उस के होंटों की जुम्बिश में क़ैद था 'अशहर'
आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा
उर्दू
ये नहीं पहले तिरी याद से निस्बत कम थी
वो भी कुछ भूला हुआ था मैं कुछ भटका हुआ
तुम्हारी ख़ुश्बू थी हम-सफ़र तो हमारा लहजा ही दूसरा था
ठहरी ठहरी सी तबीअत में रवानी आई
तमाशाई बने रहिए तमाशा देखते रहिए
सिलसिला ख़त्म हुआ जलने जलाने वाला
रात का पिछ्ला पहर कैसी निशानी दे गया
प्यास के बेदार होने का कोई रस्ता न था
कितने भूले हुए नग़्मात सुनाने आए
ख़ुदा ने लाज रखी मेरी बे-नवाई की
कभी कसक जुदाई की कभी महक विसाल की
बदन में अव्वलीं एहसास है तकानों का