Sad Poetry of Iqbal Ashhar

Sad Poetry of Iqbal Ashhar
नामइक़बाल अशहर
अंग्रेज़ी नामIqbal Ashhar
जन्म की तारीख1965
जन्म स्थानDelhi

वो किसी को याद कर के मुस्कुराया था उधर

ठहरी ठहरी सी तबीअत में रवानी आई

किसी को खो के पा लिया किसी को पा के खो दिया

जो उस के होंटों की जुम्बिश में क़ैद था 'अशहर'

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा

उर्दू

ये नहीं पहले तिरी याद से निस्बत कम थी

वो भी कुछ भूला हुआ था मैं कुछ भटका हुआ

ठहरी ठहरी सी तबीअत में रवानी आई

तमाशाई बने रहिए तमाशा देखते रहिए

सिलसिला ख़त्म हुआ जलने जलाने वाला

रास्ता भूल गया एक सितारा अपना

रात का पिछ्ला पहर कैसी निशानी दे गया

प्यास के बेदार होने का कोई रस्ता न था

प्यास दरिया की निगाहों से छुपा रक्खी है

कितने भूले हुए नग़्मात सुनाने आए

ख़ुदा ने लाज रखी मेरी बे-नवाई की

कभी कसक जुदाई की कभी महक विसाल की

भीगी भीगी पलकों पर ये जो इक सितारा है

बदन में अव्वलीं एहसास है तकानों का

इक़बाल अशहर Sad Poetry in Hindi - Read famous Sad Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by इक़बाल अशहर. Largest collection of Sad Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by इक़बाल अशहर. Share the इक़बाल अशहर Sad Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.