पुर-शोर उल्फ़त की निदा है अब भी
लाखों चीज़ें बना के भेजें अंग्रेज़
गर रूह न पाबंद-ए-तअ'य्युन होती
है बार-ए-ख़ुदा कि आलम-आरा तू है
बा-ईं हमा-सादगी है पुरकारी भी
मा'लूम का नाम है निशाँ है न असर
चक्खी भी है तू ने दुर्द-ए-जाम-ए-तौहीद
छोटे काम का बड़ा नतीजा
दुनिया का न खा फ़रेब वीराँ है ये
चिड़िया के बच्चे
कैफ़ियत-ओ-ज़ौक़ और ज़िक्र-ओ-औराद
जब गू-ए-ज़मीं ने उस पे डाला साया