मस्जिद की सर-ए-राह बिना डाल न ज़ाहिद
इस रोक से होने के नहीं कू-ए-बुताँ बंद
Habib Jalib
Parveen Shakir
Gulzar
Javed Akhtar
Anwar Masood
Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Wasi Shah
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
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समझाएँ किस तरह दिल-ए-ना-कर्दा-कार को
आप का इख़्तियार है सब पर
किस पे दिल आया कहाँ आया बता ऐ नासेह
मिलो मिलो न मिलो इख़्तियार है तुम को
क़ुबूल हो कि न सज्दा ओ सलाम अपना
या दूर मिरा हिजाब कर दे
मुझ को मालूम है अंजाम-ए-मोहब्बत क्या है
जो निगाह-ए-नाज़ का बिस्मिल नहीं
क़यामत की हक़ीक़त जानता हूँ
इक तिरी बात कि जिस बात की तरदीद मुहाल
कली रह गई ना-शगुफ़्ता हमारी
आइना सामने अब आठ पहर रहता है