Coupletss of Mukhtar Siddiqui

Coupletss of Mukhtar Siddiqui
नाममुख़्तार सिद्दीक़ी
अंग्रेज़ी नामMukhtar Siddiqui
जन्म की तारीख1917
मौत की तिथि1972

सहर-ए-अज़ल को जो दी गई वही आज तक है मुसाफ़िरी

रात के बाद वो सुब्ह कहाँ है दिन के बाद वो शाम कहाँ

फेरा बहार का तो बरस दो बरस में है

नूर-ए-सहर कहाँ है अगर शाम-ए-ग़म गई

मेरी आँखों ही में थे अन-कहे पहलू उस के

मैं तो हर धूप में सायों का रहा हूँ जूया

क्या क्या पुकारें सिसकती देखीं लफ़्ज़ों के ज़िंदानों में

कभी फ़ासलों की मसाफ़तों पे उबूर हो तो ये कह सुकूँ

जिन ख़यालों के उलट फेर में उलझीं साँसें

इबरत-आबाद भी दिल होते हैं इंसानों के

बस्तियाँ कैसे न मम्नून हों दीवानों की

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