चशम-ए-ख़ूँबार सा बरसे न कभू पानी एक

चशम-ए-ख़ूँबार सा बरसे न कभू पानी एक

अब्र हर चंद करे अपना लहू पानी एक

शुस्त-ओ-शू नामा-ए-आमाल की जिस से होए

बरस ऐ अब्र-ए-करम मुझ पे वो तू पानी एक

लाख पानी से मैं धोया न छुटा ज़ख़्म का ख़ून

काम आया न मिरे वक़्त-ए-रफ़ू पानी एक

आज तक अश्क मिरी आँख से गिरते हैं सफ़ेद

ज़र्फ़ में अपने ये रखता है सुबू पानी एक

ता-कमर अब्र-ए-मिज़ा अपना तो बरसा सौ बार

न हुआ मौज-ज़नाँ ता-ब-गुलू पानी एक

हम तिरी चाल से दिल क्यूँकि न हारें इस ऐ चर्ख़

बाज़ी दुश्वार है तुझ से तो अदू पानी एक

बाज़ी-ए-मुर्ग़ में भी हार रही 'ग़ाफ़िल' की

तुझ से जीता न वो ऐ अरबदा-जू पानी एक

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In Hindi By Famous Poet Munawar Khan Ghafil. is written by Munawar Khan Ghafil. Complete Poem in Hindi by Munawar Khan Ghafil. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.