फ़रियाद की आती है सदा सीने से हर दम
मेरा दिल-ए-नालाँ है कि अंग्रेज़ी घड़ी है
Rahat Indori
Wasi Shah
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Ahmad Faraz
Habib Jalib
Gulzar
Mohsin Naqvi
Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(347) Peoples Rate This
इक बोसा माँगता हूँ मैं ख़ैरात-ए-हुस्न की
इस्लाम का सुबूत है ऐ शैख़ कुफ़्र से
वो सुबह को इस डर से नहीं बाम पर आता
जी में आता है मय-कशी कीजे
तेज़ रखियो सर-ए-हर-ख़ार को ऐ दश्त-ए-जुनूँ
निगाह-ए-यार हम से आज बे-तक़सीर फिरती है
शाना तो छुटा ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ से उलझ कर
अपने मजनूँ की ज़रा देख तो बे-परवाई
ये कौन सा परवाना मुआ जल के लगन में
आ के सज्जादा-नशीं क़ैस हुआ मेरे बा'द
हम फ़क़ीरों का सुने गर ज़िक्र-ए-अर्रा फ़ाख़्ता
तेग़-ए-पुर-ख़ूँ वो अगर धोए कनार-ए-दरिया