क्या ख़बर है हम से महजूरों की उन को रोज़-ए-ईद
जो गले मिल कर बहम सर्फ़-ए-मुबारकबाद हैं
Habib Jalib
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
Anwar Masood
Wasi Shah
Ahmad Faraz
Jaun Eliya
Mohsin Naqvi
Allama Iqbal
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Faiz Ahmad Faiz
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अगर उर्यानी-ए-मजनूँ पे आता रहम लैला को
निगाह-ए-यार हम से आज बे-तक़सीर फिरती है
परवाने के हुज़ूर जलाया न शम्अ' को
ज़ुल्फ़-ए-पुर-पेच के सौदे में अजब क्या इम्काँ
कूचा-ए-जानाँ मैं यारो कौन सुनता है मिरी
फ़रियाद की आती है सदा सीने से हर दम
हम फ़क़ीरों का सुने गर ज़िक्र-ए-अर्रा फ़ाख़्ता
मर्तबा माशूक़ का आशिक़ से बाला-दस्त है
वो सुबह को इस डर से नहीं बाम पर आता
गुलशन-ए-इश्क़ का तमाशा देख
वो मेरा दर्द-ए-दिल क्या जानते हैं
कौन दरिया-ए-मोहब्बत से उतर सकता है पार