ख़ुशी हम से किनारा कर रही है
हमें ग़म को भी अपनाना पड़ेगा
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भला कह दिया या बुरा कह दिया
मेरे ख़त का जवाब आया था
हमारा दिल तो ग़म में भी ख़ुशी महसूस करता है
तुम्हें ऐ काश कोई राज़ ये समझा गया होता
ऐ ख़ुदा मैं सुन रहा हूँ आहटें उस वक़्त की
हम ने दुनिया से सुलूक ऐसा किया है 'राना'
मसअले हल करते करते आदमी का ज़ेहन भी
ज़िंदगी का भी किया भरोसा है
रहे ख़याल हिक़ारत से देखने वालो
ख़ुद तराशना पत्थर और ख़ुदा बना लेना
तुम्हारी राह में आँखें बिछाए बैठा हूँ
अब मुझे थोड़ी सी ग़फ़लत से भी डर लगता है