आँखों ने बनाई थी कोई ख़्वाब की तस्वीर
तुम भूल गए हो तो किसे ध्यान रहेगा
Gulzar
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
Habib Jalib
Wasi Shah
Rahat Indori
Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(368) Peoples Rate This
दिल जो टूटा है तो फिर याद नहीं है कोई
अब मुझ में कोई बात नई ढूँढने वालो
न रात बाक़ी है कोई न ख़्वाब बाक़ी है
हर लम्हे मैं सदियों का अफ़्साना होता है
सियाह रात के पहलू में जिस्म के अंदर
बात तो ये है कि वो घर से निकलता भी नहीं
हम किसी और वक़्त के हैं असीर
उस से कह दो कि मुझे उस से नहीं मिलना है
ये काएनात भी क्या क़ैद-ख़ाना है कोई
मिलते हो तो अब तुम भी बहुत रहते हो ख़ामोश
तो देखें और किसी को जो वो नहीं मौजूद
अब जिस्म के अंदर से आवाज़ नहीं आती