ज़ख़्म इतने हैं बदन पर कि कहीं दर्द नहीं
ज़ख़्म इतने हैं बदन पर कि कहीं दर्द नहीं
हम भी पथराव में पत्थर के हुए जाते हैं
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ज़ख़्म इतने हैं बदन पर कि कहीं दर्द नहीं
हम भी पथराव में पत्थर के हुए जाते हैं
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