अख़्तर शीरानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अख़्तर शीरानी (page 4)
नाम | अख़्तर शीरानी |
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अंग्रेज़ी नाम | Akhtar Shirani |
जन्म की तारीख | 1905 |
मौत की तिथि | 1948 |
जन्म स्थान | Lahore |
कविताएं
Ghazal 38
Nazam 17
Couplets 46
Rubaai 3
Qita 1
Love 69
Sad 68
Heart Broken 56
Bewafa 13
Hope 42
Friendship 7
Islamic 16
Sufi 10
देशभक्तिपूर्ण 7
बारिश 9
ख्वाब 34
Sharab 30
किस की आँखों का लिए दिल पे असर जाते हैं
ख़यालिस्तान-ए-हस्ती में अगर ग़म है ख़ुशी भी है
काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएँ तो क्या करें
झूम कर बदली उठी और छा गई
हर एक जल्वा-ए-रंगीं मिरी निगाह में है
हमारे हाथ में कब साग़र-ए-शराब नहीं
दिल-ए-दीवाना ओ अंदाज़-ए-बेबाकाना रखते हैं
दिल में ख़याल-ए-नर्गिस-ए-जानाना आ गया
बजा कि है पास-ए-हश्र हम को करेंगे पास-ए-शबाब पहले
अश्क-बारी न मिटी सीना-फ़िगारी न गई
ऐ दिल वो आशिक़ी के फ़साने किधर गए
अगर वो अपने हसीन चेहरे को भूल कर बे-नक़ाब कर दे
आश्ना हो कर तग़ाफ़ुल आश्ना क्यूँ हो गए
आरज़ू वस्ल की रखती है परेशाँ क्या क्या
आओ बे-पर्दा तुम्हें जल्वा-ए-पिन्हाँ की क़सम