Coupletss of Ali Akbar Natiq

Coupletss of Ali Akbar Natiq
नामअली अकबर नातिक़
अंग्रेज़ी नामAli Akbar Natiq
जन्म की तारीख1976
मौत की तिथि-

ज़र्द फूलों में बसा ख़्वाब में रहने वाला

वो शख़्स अमर है, जो पीवेगा दो चाँदों के नूर

सर्द रातों की हवा में उड़ते पत्तों के मसील

मुख़्तसर बात थी, फैली क्यूँ सबा की मानिंद

कोई न रस्ता नाप सका है, रेत पे चलने वालों का

किसी का साया रह गया गली के ऐन मोड़ पर

इतना आसाँ नहीं पानी से शबीहें धोना

हिजाब आ गया था मुझ को दिल के इज़्तिराब पर

ग़ुबार-ए-शहर में उसे न ढूँड जो ख़िज़ाँ की शब

फ़ाख़ताएँ बोलती हैं बाजरों के देस में

धूप फैली तो कहा दीवार ने झुक कर मुझे

चराग़ बाँटने वालों प हैरतें न करो

बस्तियों वाले तो ख़ुद ओढ़ के पत्ते, सोए

आसमाँ के रौज़नों से लौट आता था कभी

आधे पेड़ पे सब्ज़ परिंदे आधा पेड़ आसेबी है

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