Heart Broken Poetry of Bayan Meeruti

Heart Broken Poetry of Bayan Meeruti
नामबयान मेरठी
अंग्रेज़ी नामBayan Meeruti

याद में ख़्वाब में तसव्वुर में

शैख़ के माथे पे मिट्टी बरहमन के बर में बुत

हवा-ए-वहशत दिल ले उड़ी कहाँ से कहाँ

गौहर-ए-मक़्सद मिले गर चर्ख़-ए-मीनाई न हो

वो दरिया-बार अश्कों की झड़ी है

सुब्ह क़यामत आएगी कोई न कह सका कि यूँ

सर-ए-शोरीदा पा-ए-दश्त-ए-पैमा शाम-ए-हिज्राँ था

मिस्ल-ए-हुबाब-ए-बहर न इतना उछल के चल

लहू टपका किसी की आरज़ू से

ख़ूँ बहाने के हैं हज़ार तरीक़

खुला है जल्वा-ए-पिन्हाँ से अज़-बस चाक वहशत का

ख़ाक करती है ब-रंग-ए-चर्ख़-ए-नीली-फ़ाम रक़्स

ग़म्ज़ा-ए-मा'शूक़ मुश्ताक़ों को दिखलाती है तेग़

बदलने रंग सिखलाए जहाँ को

ऐ जुनूँ हाथ के चलते ही मचल जाऊँगा

आएँगे गर उन्हें ग़ैरत होगी

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