Sad Poetry of Bayan Meeruti

Sad Poetry of Bayan Meeruti
नामबयान मेरठी
अंग्रेज़ी नामBayan Meeruti

याद में ख़्वाब में तसव्वुर में

ये मैं कहूँगा फ़लक पे जा कर ज़मीं से आया हूँ तंग आ कर

वो दरिया-बार अश्कों की झड़ी है

सुब्ह क़यामत आएगी कोई न कह सका कि यूँ

सर-ए-शोरीदा पा-ए-दश्त-ए-पैमा शाम-ए-हिज्राँ था

मिस्ल-ए-हुबाब-ए-बहर न इतना उछल के चल

लहू टपका किसी की आरज़ू से

ख़ूँ बहाने के हैं हज़ार तरीक़

ख़ाक करती है ब-रंग-ए-चर्ख़-ए-नीली-फ़ाम रक़्स

ग़म्ज़ा-ए-मा'शूक़ मुश्ताक़ों को दिखलाती है तेग़

ऐ जुनूँ हाथ के चलते ही मचल जाऊँगा

आएँगे गर उन्हें ग़ैरत होगी

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