Friendship Poetry (page 7)
चूर सदमों से हो बईद नहीं
इमदाद अली बहर
चुनने न दिया एक मुझे लाख झड़े फूल
इमदाद अली बहर
चार दिन है ये जवानी न बहुत जोश में आ
इमदाद अली बहर
बुतो ख़ुदा पे न रक्खो मोआ'मला दिल का
इमदाद अली बहर
बशर रोज़-ए-अज़ल से शेफ़्ता है शान-ओ-शौकत का
इमदाद अली बहर
बग़ैर यार गवारा नहीं कबाब शराब
इमदाद अली बहर
बद-तालई का इलाज क्या हो
इमदाद अली बहर
ऐसे पुर-नूर-ओ-ज़िया यार के रुख़्सारे हैं
इमदाद अली बहर
आज़ुर्दा हो गया वो ख़रीदार बे-सबब
इमदाद अली बहर
आतिश-ए-बाग़ ऐसी भड़की है कि जलती है हवा
इमदाद अली बहर
आतिश-ए-बाग़ ऐसे भड़की है कि जलती है हवा
इमदाद अली बहर
आश्ना कोई बा-वफ़ा न मिला
इमदाद अली बहर
आरास्तगी बड़ी जिला है
इमदाद अली बहर
आहों से होंगे गुम्बद-ए-हफ़्त-आसमाँ ख़राब
इमदाद अली बहर
ज़ोर है गर्मी-ए-बाज़ार तिरे कूचे में
इमाम बख़्श नासिख़
यारों की हम से दिल-शिकनी हो सके कहाँ
इमाम बख़्श नासिख़
वो बेज़ार मुझ से हुआ ज़ार मैं हूँ
इमाम बख़्श नासिख़
सौ क़िस्सों से बेहतर है कहानी मिरे दिल की
इमाम बख़्श नासिख़
रिफ़अत कभी किसी की गवारा यहाँ नहीं
इमाम बख़्श नासिख़
कौन सा तन है कि मिस्ल-ए-रूह इस में तू नहीं
इमाम बख़्श नासिख़
जान हम तुझ पे दिया करते हैं
इमाम बख़्श नासिख़
है मोहब्बत सब को उस के अबरू-ए-ख़मदार की
इमाम बख़्श नासिख़
है दिल-ए-सोज़ाँ में तूर उस की तजल्ली-गाह का
इमाम बख़्श नासिख़
दिल में पोशीदा तप-ए-इश्क़-ए-बुताँ रखते हैं
इमाम बख़्श नासिख़
यार परिंदे!
इलियास बाबर आवान
मस्जिद-ए-अहमरीं
इलियास बाबर आवान
फूल किताबें ले जा, तन्हा रहने दे
इलियास बाबर आवान
इश्क़ करता हूँ, तक़ाज़ा नहीं कर सकता मैं
इलियास बाबर आवान
दो उम्रों की रुई धुन कर आया हूँ
इलियास बाबर आवान
चेहरे पर ख़ुश-हाली ले कर आता हूँ
इलियास बाबर आवान