Islamic Poetry (page 72)
रहा करते हैं यूँ उश्शाक़ तेरी याद ओ हसरत में
आग़ा हज्जू शरफ़
पाया तिरे कुश्तों ने जो मैदान-ए-बयाबाँ
आग़ा हज्जू शरफ़
ख़ुदा-मालूम किस की चाँद से तस्वीर मिट्टी की
आग़ा हज्जू शरफ़
जवानी आई मुराद पर जब उमंग जाती रही बशर की
आग़ा हज्जू शरफ़
जब से हुआ है इश्क़ तिरे इस्म-ए-ज़ात का
आग़ा हज्जू शरफ़
इश्क़-ए-दहन में गुज़री है क्या कुछ न पूछिए
आग़ा हज्जू शरफ़
हुए ऐसे ब-दिल तिरे शेफ़्ता हम दिल-ओ-जाँ को हमेशा निसार किया
आग़ा हज्जू शरफ़
हुआ है तौर-ए-बर्बादी जो बे-दस्तूर पहलू में
आग़ा हज्जू शरफ़
हवस गुलज़ार की मिस्ल-ए-अनादिल हम भी रखते थे
आग़ा हज्जू शरफ़
दरपेश अजल है गंज-ए-शहीदाँ ख़रिदिए
आग़ा हज्जू शरफ़
चलते हैं गुलशन-ए-फ़िरदौस में घर लेते हैं
आग़ा हज्जू शरफ़
चाहिएँ मुझ को नहीं ज़र्रीं क़फ़स की पुतलियाँ
आग़ा हज्जू शरफ़
मैं ने दिल-ए-बे-ताब पे जो जब्र किया है
अफ़ज़ल परवेज़
काँच की ज़ंजीर टूटी तो सदा भी आएगी
अफ़ज़ल मिनहास
तो फिर वो इश्क़ ये नक़्द-ओ-नज़र बराए-फ़रोख़्त
अफ़ज़ल ख़ान
सुलगती रेत पे तहरीर जो कहानी है
अफ़ज़ल इलाहाबादी
बुलंदी से कभी वो आश्नाई कर नहीं सकता
अफ़ज़ल इलाहाबादी
मैं डरता हूँ
अफ़ज़ाल अहमद सय्यद
जंगल के पास एक औरत
अफ़ज़ाल अहमद सय्यद
अगर हम गीत न गाते
अफ़ज़ाल अहमद सय्यद
आजिज़ हूँ तिरे हाथ से क्या काम करूँ मैं
आफ़ताब शाह आलम सानी
मुंकिर का ख़ौफ़
आफ़ताब इक़बाल शमीम
अना को बाँधता रहता हूँ अपने शे'रों में
आफ़ताब हुसैन
मुझ को मंज़र के सिले में वो सदा भेजता है
आफ़ताब अहमद शाह
सुख में होता है हाफ़िज़ा बेकार
अफ़सर मेरठी
अजीब चीज़ मोहब्बत की वारदात भी है
अफ़सर माहपुरी
सूरज कोई न कोई सितारा तुलू'अ हो
अफ़सर जमशेद
तुम्हारे हिज्र में क्यूँ ज़िंदगी न मुश्किल हो
अफ़सर इलाहाबादी
यूँ ख़बर किसे थी मेरी तिरी मुख़बिरी से पहले
अफ़रोज़ आलम
गुज़रे लम्हात का एहसास हुआ जाता है
अफ़रोज़ आलम