बारिश Poetry (page 18)
तू मुस्कुराती रहे है ये आरज़ू मेरी
अम्बर वसीम इलाहाबादी
खिड़की
अम्बरीन सलाहुद्दीन
वो मसीहा न बना हम ने भी ख़्वाहिश नहीं की
अंबरीन हसीब अंबर
इस आरज़ी दुनिया में हर बात अधूरी है
अंबरीन हसीब अंबर
गीली मिट्टी हाथ में ले कर बैठा हूँ
अम्बर बहराईची
अब क़बीले की रिवायत है बिखरने वाली
अम्बर बहराईची
मुनाजात-ए-बेवा
अल्ताफ़ हुसैन हाली
मिट्टी का दिया
अल्ताफ़ हुसैन हाली
बरखा-रुत
अल्ताफ़ हुसैन हाली
है ये तकिया तिरी अताओं पर
अल्ताफ़ हुसैन हाली
गो जवानी में थी कज-राई बहुत
अल्ताफ़ हुसैन हाली
खुला है ज़ीस्त का इक ख़ुशनुमा वरक़ फिर से
आलोक यादव
धूप अब सर पे आ गई होगी
आलोक मिश्रा
रूह-ए-अर्ज़ी आदम का इस्तिक़बाल करती है
अल्लामा इक़बाल
नानक
अल्लामा इक़बाल
गोरिस्तान-ए-शाही
अल्लामा इक़बाल
एक आरज़ू
अल्लामा इक़बाल
तुझे याद क्या नहीं है मिरे दिल का वो ज़माना
अल्लामा इक़बाल
ताज़ा मंज़र
अली ज़हीर लखनवी
दिल ये कहता है कि इक आलम-ए-मुज़्तर देखूँ
अली ज़हीर लखनवी
कुछ इस तरह वो दुआ-ओ-सलाम कर के गया
अली यासिर
तिरे प्यार का नाम
अली सरदार जाफ़री
ताशक़ंद की शाम
अली सरदार जाफ़री
क़त्ल-ए-आफ़्ताब
अली सरदार जाफ़री
वो मिरी दोस्त वो हमदर्द वो ग़म-ख़्वार आँखें
अली सरदार जाफ़री
उलझे काँटों से कि खेले गुल-ए-तर से पहले
अली सरदार जाफ़री
सर्द हैं दिल आतिश-ए-रू-ए-निगाराँ चाहिए
अली सरदार जाफ़री
नग़्मा-ए-ज़ंजीर है और शहर-ए-याराँ इन दिनों
अली सरदार जाफ़री
लू के मौसम में बहारों की हवा माँगते हैं
अली सरदार जाफ़री
कितनी आशाओं की लाशें सूखें दिल के आँगन में
अली सरदार जाफ़री