Sufi Poetry (page 13)
अनजाने ख़्वाब की ख़ातिर क्यूँ चैन गँवाया
अंजुम अंसारी
लफ़्ज़ यूँ ख़ामुशी से लड़ते हैं
अनीस अब्र
जिस को समझे थे तवंगर वो गदागर निकला
अनीस अंसारी
कोई अदा-शनास-ए-मोहब्बत हमें बताए
अंदलीब शादानी
काम इश्क़-ए-बे-सवाल आ ही गया
आनंद नारायण मुल्ला
एक दरवेश को तिरी ख़ातिर
अम्मार इक़बाल
यूँही बे-बाल-ओ-पर खड़े हुए हैं
अम्मार इक़बाल
ख़ुद-परस्ती से इश्क़ हो गया है
अम्मार इक़बाल
ज़िंदगी
अमजद नजमी
जो पूछते हैं कि ये इश्क़-ओ-आशिक़ी क्या है
अमजद नजमी
पर्दे में लाख फिर भी नुमूदार कौन है
अमजद इस्लाम अमजद
ख़्वाब जो बिखर गए
आमिर उस्मानी
दर्द बढ़ता गया जितने दरमाँ किए प्यास बढ़ती गई जितने आँसू पिए
आमिर उस्मानी
यूँ तो बिखरे थे मगर कुछ तो कहीं पर कुछ था
आमिर नज़र
कुछ सुलगते हुए ख़्वाबों की फ़रावानी है
आमिर नज़र
ख़ामोशियों को आलम-ए-अस्वात पर कभी
आमिर नज़र
हटाओ आइना उम्मीद-वार हम भी हैं
अमीर मीनाई
दिल जो सीने में ज़ार सा है कुछ
अमीर मीनाई
बम्बई रात समुंदर
अमीक़ हनफ़ी
जब कोई भी ख़ाक़ान सर-ए-बाम न होगा
अमीन राहत चुग़ताई
इक अश्क सर-ए-शोख़ी-ए-रुख़सार में गुम है
अमीन अडीराई
हुब्ब-ए-वतन
अल्ताफ़ हुसैन हाली
वाँ अगर जाएँ तो ले कर जाएँ क्या
अल्ताफ़ हुसैन हाली
उस के जाते ही ये क्या हो गई घर की सूरत
अल्ताफ़ हुसैन हाली
ख़ूबियाँ अपने में गो बे-इंतिहा पाते हैं हम
अल्ताफ़ हुसैन हाली
हक़ीक़त महरम-ए-असरार से पूछ
अल्ताफ़ हुसैन हाली
है जुस्तुजू कि ख़ूब से है ख़ूब-तर कहाँ
अल्ताफ़ हुसैन हाली
जुनून-ए-शौक़-ए-मोहब्बत की आगही देना
अलक़मा शिबली
ख़ुदी वो बहर है जिस का कोई किनारा नहीं
अल्लामा इक़बाल
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
अल्लामा इक़बाल