Hope Poetry of Indira Varma

Hope Poetry of Indira Varma
नामइन्दिरा वर्मा
अंग्रेज़ी नामIndira Varma
जन्म की तारीख1940
जन्म स्थानDelhi

बहार आई तो खुल कर कहा है फूलों ने

यूँ वफ़ा के सारे निभाओ ग़म कि फ़रेब में भी यक़ीन हो

ये शफ़क़ चाँद सितारे नहीं अच्छे लगते

तिरे ख़याल का चर्चा तिरे ख़याल की बात

शिकस्ता-दिल अँधेरी शब अकेला राहबर क्यूँ हो

शफ़क़ के रंग निकलने के बाद आई है

मुझे रंग दे न सुरूर दे मिरे दिल में ख़ुद को उतार दे

काश वो पहली मोहब्बत के ज़माने आते

हज़ार ख़्वाब लिए जी रही हैं सब आँखें

दोस्त जब ज़ी-वक़ार होता है

आज फिर चाँद उस ने माँगा है

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