Heart Broken Poetry of Indira Varma

Heart Broken Poetry of Indira Varma
नामइन्दिरा वर्मा
अंग्रेज़ी नामIndira Varma
जन्म की तारीख1940
जन्म स्थानDelhi

वक़्त ख़ामोश है टूटे हुए रिश्तों की तरह

शिकस्ता-दिल अँधेरी शब अकेला राहबर क्यूँ हो

अभी से कैसे कहूँ तुम को बेवफ़ा साहब

ये मौसम सुरमई है और मैं हूँ

वो अजीब शख़्स था भीड़ में जो नज़र में ऐसे उतर गया

उस से मत कहना मिरी बे-सर-ओ-सामानी तक

तिरे ख़याल का चर्चा तिरे ख़याल की बात

शिकस्ता-दिल अँधेरी शब अकेला राहबर क्यूँ हो

शफ़क़ के रंग निकलने के बाद आई है

मुझे रंग दे न सुरूर दे मिरे दिल में ख़ुद को उतार दे

मोहब्बत में आया है तन्हा अभी रंग

कुछ बला और कुछ सितम ही सही

कभी मुड़ के फिर इसी राह पर न तो आए तुम न तो आए हम

दिल से अपने ख़ुद-ब-ख़ुद कुछ पूछिए मेरे लिए

दिल के बेचैन जज़ीरों में उतर जाएगा

अभी से कैसे कहूँ तुम को बेवफ़ा साहब

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