Coupletss of Iqbal Kaifi
नाम | इक़बाल कैफ़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Iqbal Kaifi |
कविताएं
Ghazal 10
Couplets 10
Love 9
Sad 9
Heart Broken 7
Bewafa 1
Hope 4
Friendship 2
Islamic 7
बारिश 1
ख्वाब 1
Sharab 1
यही नहीं कि निगाहों को अश्क-बार किया
फूलों का तबस्सुम भी वो पहला सा नहीं है
मोहब्बतों को भी उस ने ख़ता क़रार दिया
मैं ऐसे हुस्न-ए-ज़न को ख़ुदा मानता नहीं
ख़िज़ाँ का दौर भी आता है एक दिन 'कैफ़ी'
गुहर समझा था लेकिन संग निकला
ग़ज़ल के रंग में मल्बूस हो कर
देखा है मोहब्बत को इबादत की नज़र से
अटे हुए हैं फ़क़ीरों के पैरहन 'कैफ़ी'
अफ़सोस माबदों में ख़ुदा बेचते हैं लोग